शुक्रवार, 14 जनवरी 2011

काँच चुभे तो निशान रह जाता है

काँच चुभे तो निशान रह जाता है,
दिल टूटे तो अरमान रह जाता है,
लगा तो देता है वक़्त मरहम इस दिल पर,
फिर भी उम्र भर एक जख्म रह जाता है|

विजय पटेल का ब्लॉग © 2011 BY VIJAY PATEL