शुक्रवार, 5 नवंबर 2010

नज़रे ना होती तो नज़ारा ना होता

नज़रे  ना  होती  तो  नज़ारा  ना  होता,
दुनिया  में  हसीनो  का  गुज़ारा  ना  होता,
हमसे  यह  मत  कहो  कि  दिल  लगाना  छोड़  दे,
जाके  खुदा  से  कहो  हसीनो  को  बनाना  छोड़  दे ||

विजय पटेल का ब्लॉग © 2011 BY VIJAY PATEL