सोमवार, 25 जनवरी 2010

shayari

गुजरे हुए  कल कि याद आती है,
लम्हों से आँखें भर आती है|
हमारी शाम और भी निराली हो जाती है|
जब आप जैसे दोस्त कि  याद आती है|

विजय पटेल का ब्लॉग © 2011 BY VIJAY PATEL